इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्वेश्य राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के साथ ही विभिन्न सामाजिक/सांप्रदायिक एवं अन्य विसंगतियों पर कटाक्ष करते हुए जनमानस को इन विसंगतियों के खिलाफ जाग्रत करना और देश-समाज में इंसान का इंसान से हो भाईचारा का पैगाम फैलाना है...यह प्रदर्शनी वर्ष 1985 से सतत् जारी है।