kharikharicartoons"खरी-खरी" पोस्टर प्रदर्शनी से...

इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्वेश्य राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के साथ ही विभिन्न सामाजिक/सांप्रदायिक एवं अन्य विसंगतियों पर कटाक्ष करते हुए जनमानस को इन विसंगतियों के खिलाफ जाग्रत करना और देश-समाज में इंसान का इंसान से हो भाईचारा का पैगाम फैलाना है...यह प्रदर्शनी वर्ष 1985 से सतत् जारी है।

गुरुवार, 29 जुलाई 2010




पर 12:51 am
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मेरे बारे में

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kishor srivastava
किशोरावस्था में पढ़ाई और संगीत के साथ ही कार्टून बनाने का शौक चर्राया। मेरे कार्टून लोटपोट, सा. हिंदुस्तान, सन्मार्ग, सत्यकथा, नूतन कहानियां, पराग, नवनीत, जागरण आदि में छपने भी लगे थे। उन्हीं दिनों दंगों और विभिन्न सामाजिक विसंगतियों ने मुझे उद्वेलित किया और मैंने "खरी-खरी" नाम से लगभग सौ पोस्टर तैयार किये। इनमें विभिन्न सामाजिक, साम्प्रदायिक आदि विसंगतियों पर मेरे कार्टून छोटी कविताएं और लघु कहानियां थीं। इस प्रदर्शनी का पहली बार 1985 में झांसी में प्रदर्शन किया गया। तत्पश्चात इसका प्रदर्शन ललितपुर में बाकायदा टिकट से किया गया और जनता की बेहद मांग पर यह प्रदर्शनी लगातार दो दिनों तक चलती रही। दिल्ली आने के बाद विगत वर्षों में विभिन्न साहित्यिक/सामाजिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा इस प्रदर्शनी के सैकड़ों आयोजन दिल्ली सहित आगरा, मथुरा, खुर्जा, झांसी, ललितपुर, देवबंद, जबलपुर, अंबाला छावनी, गाजियाबाद, शिलांग, बेलगाम, गोवा, सोलन, हिम्मतनगर व नांदेड़ आदि में संपन्न हो चुके हैं। कोई भी प्रतिष्ठित संस्था आदि अवकाश के दिनों में इस प्रदर्शनी का अपने यहां आयोजन करवा सकती है। इस प्रदर्शनी में समय-समय पर बदलाव भी किया जाता रहा है। प्रदर्शनी के पोस्टरों और दर्शकों की प्रतिक्रियाओं को खरी-खरी नाम से पुस्तक का रूप भी दिया गया है। संपर्क सूत्रः ईमेलः kishorsemilen@gmail.com मो. 9868709348
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